आयकर रिफंड 2025 में देरी से कस्टमर्स हुए परेशान जाने इस से जुड़े कारण और समस्या का समाधान
Income Tax Refund Delay के चलते लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इसके पीछे के कई सारे कारण सामने आए हैं। कई आसान तरीकों से आप आसानी से रिफंड पा सकते हैं।

आयकर रिफंड 2025 में देरी से कस्टमर्स हुए परेशान जाने इस से जुड़े कारण और समस्या का समाधान
आयकर रिफंड में होने वाली देरी के चलते काफी कस्टमर को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है यह देरी कई कारणों से हो सकती है बहुत ही जल्द इसे सॉल्व करने की कोशिश की जा रही है। आयकर रिफंड क्या होता है Income Tax Refund Delay के कारण और उसके समाधान के बारे में आपको इस आर्टिकल में बताएंगे।
क्या है आयकर रिफंड
आयकर रिफंड वह राशि है जो करदाता ने सरकार को अधिक टैक्स के रूप में जमा कर दी होती है और जिसे सरकार वापस लौटाती है। 2025 में कई करदाताओं को रिफंड में सामान्य से ज्यादा समय लगने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
आयकर रिफंड देरी के कारण
आयकर रिफंड में देरी के कई सारे कारण हो सकते हैं जो की मुख्य निम्न प्रकार से है -
• रिटर्न में गलत बैंक खाता नंबर या IFSC कोड डालने पर
• ई-वेरिफिकेशन का समय पर न होना
• फॉर्म 26AS में रिपोर्टेड टीडीएस या आय में गलती होने पर
• रिटर्न पर आयकर विभाग द्वारा कोई जांच का होना।
• बैंक खाते का prevalidation न होना।
• तकनीकी समस्याएं या विभाग के भरपूर काम के कारण भी देरी हो सकती है।
रिफंड मिलने का सामान्य समय
2025 में अगर सभी जानकारी सही तरीके से भरी गई है और रिटर्न का ई-वेरिफिकेशन समय पर हो जाता है तो रिफंड आमतौर पर 20 से 45 दिनों में बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाता है। यदि बैंक खाता और पैन कार्ड लिंक सही हैं और कोई गलती नहीं हैं तो 7 से 20 दिन में भी रिफंड मिल सकता है।
रिफंड का स्टेटस कैसे जांचें
रिफंड का स्टेटस जानने के लिए आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या NSDL की वेबसाइट पर जाकर पैन नंबर और रिटर्न की डिटेल्स के आधार पर स्टेटस चेक किया जा सकता है। अगर स्टेटस में कोई गलती नजर आती है तो उसे तुरंत सुधारने की जरूरत होती है।
45 दिन से ज्यादा रिफंड में देरी
अगर आप का Income Tax Refund Delay हो रहा है और 45 दिन से ज्यादा हो गया है तो आप उसे समस्या का समाधान निम्न तरीके से कर सकते हैं -
• ई-फाइलिंग पोर्टल पर ई-निवारण सेक्शन में शिकायत दर्ज करें।
• बैंक खाते की जानकारी और पैन नंबर की जाँच करें।
• कोई नोटिस मिला है तो उसका जवाब समय पर दें।
रिफंड में देरी पर ब्याज
आयकर विभाग सेक्शन 244A के तहत रिफंड में हुई देरी के लिए 6% प्रति वर्ष की दर से ब्याज भी देता है। यह ब्याज सामान्य रिफंड के साथ ही आपके बैंक खाते में आ जाता है।
रिफंड जल्दी पाने के लिए
अगर आप रिफंड सही समय पर जल्दी पाना चाहते हैं तो आपको रिटर्न सही और पूरी जानकारी के साथ समय पर देना चाहिए। इस में बैंक अकाउंट नंबर, IFSC कोड और नाम ठीक से चेक कर ले। वहीं ITR दाखिल करने के बाद 30 दिन के अंदर ई-वेरिफिकेशन जरूर करें। आपका बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेटेड होना चाहिए।
2025 में विलंबित रिटर्न फाइलिंग
अगर रिटर्न की फाइलिंग की डेडलाइन चूक जाती है तो करदाताओं को 31 दिसंबर तक विलंबित रिटर्न फाइल करने का विकल्प मिलता है लेकिन इसके लिए विलंब शुल्क या ब्याज भरना पड़ सकता है। विलंबित रिटर्न फाइल करने से रिफंड मिलने में और भी अधिक समय लग सकता है।